मुख्तार अंसारी गैंग IS-191 ने फंसाया था सांसद अतुल राय को! जानिए पूरी कहानी

मुख्तार अंसारी गैंग IS-191 ने फंसाया था सांसद अतुल राय को! जानिए पूरी कहानी

मुख्तार अंसारी गैंग IS-191 ने फंसाया था सांसद अतुल राय को! जानिए पूरी कहानी

मुख्तार अंसारी गैंग IS-191 ने फंसाया था सांसद अतुल राय को! जानिए पूरी कहानी


राजनीति में राजनीति के शिकार हुए सांसद अतुल राय

मऊ-घोसी से सांसद अतुल राय राजनीति में ही राजनीति के शिकार हो गए और तीन साल से जेल में बंद हैं। ज्ञात हो कि लोकसभा 2019 के चुनाव का विगुल बज गया था और टिकट पाने के लिए नेता जी लोग गणेश परिक्रमा शुरू कर दिए थे।इसी बीच राजनीति में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम ने मोड़ ले लिया और देश में मजबूत हो रही भाजपा को शिकस्त देने के लिए अपने सारे गिले शिकवे भुलाकर दो धुर विरोधी सपा,बसपा आपस में गठबंधन करके चुनाव लड़नें का ऐलान कर दिए। पूर्वांचल में इन दोनों पार्टियों के वोटर बहुत ज्यादा हैं और एकसाथ मिलकर चुनाव लड़नें पर कई सीटें सपा,बसपा गंठबंधन के पक्ष आती दिखीं।इसी बीच लगभग एक साल से बसपा प्रभारी के रुप में अतुल राय का घोसी में पदार्पण हो चुका था। चुंकि अतुल राय गाजीपुर की जमानियां विधानसभा से बहुत कम अंतर से विधानसभा चुनाव हारे थे और बसपा के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में माने जाते थे।चुंकि धनबल में सामर्थ्यवान होने के कारण बसपा सुप्रीमों ने बगल की घोसी लोकसभा सीट का अतुल राय को प्रभारी बनाया था।

मुख्तार आखिर क्यों दुश्मन बने अतुल राय के

इधर राजनीतिक समीकरण भांपकर माफिया मुख्तार अंसारी एवं उनके भाई अफजाल अंसारी ने भी बसपा से गठजोड़ कर लिया।बात जब टिकट पर तक पहुंची तो सूत्र बताते हैं कि बसपा सुप्रीमों मायावती गाजीपुर से अफजाल अंसारी को टिकट देने पर राजी थीं परंतु मुख्तार अंसारी घोसी से अपने बेटे अब्बास अंसारी को भी टिकट दिलवाना चाहते थे, सूत्र बताते हैं कि टिकट बंटवारे की समीक्षा बैठक होनी थी बसपा सुप्रीमों प्रत्येक प्रभारियों से मिलकर क्षेत्र की वस्तु स्थिति का जायजा लेने के लिए ब्यक्तिगत भेंट कर रही थीं।और चुकी घोसी से सबसे अधिक भूमिहार बिरादरी ने ही लोकसभा में नेतृत्व किया है इसलिये उनकी पसंद अतुल राय थे जब बहन जी 14 जनवरी को अतुल राय को बुलाकर घोसी से प्रभारी बना दिया तब से  मुख्तार अंसारी और अतुल राय के बीच दूरियां बढने लगी।

कैसे राजनीति के शिकार हुए अतुल राय
 जब अतुल राय का टिकट फाइनल हो गया तभी से उनकी जीत सुनिश्चित मानी जाने लगी थी।यही कारण था कि टिकट की चाहत में एक और खेमा किसी तरह से अतुल राय का टिकट कटवाना चाहता था और यहीं से शुरू हुआ राजनीति का कुचक्र और मोहरा के रूप में एक ऐसा शक्स जो पैसे की लालच में  ग़लत निर्णय लेकर अपनी जिंदगी तक गंवा बैठा नाम था सत्यम प्रकाश राय जिसके संपर्क में एक युवती थी और दोनों को उकसाकर अतुल राय पर रेप करने का फर्जी मनगढंत कहानी बनाकर फेसबुक पर वायरल किया गया ताकि अतुल राय का टिकट कट जाए।

अतुल राय‌ से कहां हुई चूक
अतुल राय अपने चुनाव प्रचार में ब्यस्त थे तब तक यह मामला प्रकाश में आया कि इनपर लड़की के साथ दुराचार करने का विडियो वायरल हो रहा है‌, चुंकि अतुल राय को इसकी गंभीरता का अंदाजा नहीं था कि उनके साथ इतनी बड़ी साज़िश हो गई है, आनन-फानन में अतुल राय ने एक प्रेसवार्ता बुलाई और मीडिया के सामने यह स्वीकार किया कि हां वह लड़की जब छात्र संघ का चुनाव लड़ रही थी तो कार्यालय जाकर चुनावी चंदा मांगा था तो  मैंने मदद करवा दी थी,जो सही था उन्होंने बता दिया लेकिन जैसे ही मीडिया में खबर आई विरोधी और सक्रिय हुए तथा एक कुचक्र रचकर लड़की को गुमराह करके  तुरंत 1 मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया।

तथाकथित‌ लड़की का मुख्तार अंसारी कनेक्शन
टिकट कटवाने तक चल रहा मामला इतना तूल पकड़ा कि यह हाईप्रोफाइल हो गया और पूरे देश में इसकी चर्चा होने लगी।कारण कि अब तक सत्यम प्रकाश राय और लड़की मुख्तार अंसारी के पाले में खेलने लगी और मुख्तार अंसारी के गैंग IS-191 के सदस्य एवं शूटर रहे अंगद राय ने इस प्रकरण की बागडोर संभाली और मुख्तार अंसारी के इशारे पर शुरू हुआ राजनीति का काला अध्याय जिसमे चुनाव हराने से लेकर नामांकन खारिज कराने यहां तक की शपथ तक न ले पाए यहां तक साजिश रची गयी

कैसे खुला राज
इस पूरे मामले का राजफाश तब हुआ जब सोनभद्र जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अंगद राय की सोनभद्र जेल से 14 हजार बार से ज्यादे सत्यम प्रकाश राय से कॉल की सीडीआर एवम ऑडियो क्लिप रिकार्डिंग में पल-पल की साज़िश का खुलासा हुआ तथा F. I R की तहरीर भी अंगद राय ने जेल से लिखकर भेजी थी जिसकी हैंडराइटिंग का मिलान फॉरेंसिक लैब में  उसके गाजीपुर न्यायालय में किये गए हस्ताक्षर से  कराया गया था तो यह पाया गया था कि F. I.R की तहरीर भी अंगद ने ही लिखी थी और अंगद राय ने  सत्यम एवं प्रिया राय की माँ के एकाउंट में पैसे ट्रांसफर कराए थे उन सबका बैंक स्टेटमेंट 
उपरोक्त सभी को कोर्ट ने भी गंभीरता से लेते हुए अपने बाईज्जत बरी करने के फैसले में इसका जिक्र किया है, तथा अपने फैसले के क्रम संख्या- 100 में स्पष्ट करते हुए कहा है कि अतुल राय के साथ एक गंभीर राजनीति साज़िश हुई थी।

कोर्ट ने आखिए‌ क्यों किया बाईज्जत बरी
 1- घटनास्थल के स्पाट बेरिफिकेशन में लगातार तीन बार लड़की सही लोकेशन नहीं बता पाई
2- मुकदमे की तहरीर अंगद राय द्वारा खुद लिखी गयी थी जिसको FSL ने भी प्रमाणित किया
3- जेल से 14 हजार से ऊपर कॉल की CDR
4- हत्या के मामले आजीवन सजा काट रहे अंगद राय और लड़की तथा उसका सहयोगी सत्यम प्रकाश राय की  घंटो बातचीत एवं साजिश रचने की रिकार्डिंग।
5-बैंक स्टेटमेंट जिसमे अंगद के कहने पर डील हुई रकम 25 लाख के कुछ हिस्से सत्यम और प्रिया के माँ के एकाउंट में ट्रांसफर किये गए
  ‌आदि बिंदुओं पर कोर्ट ने मेरिट के आधार पर अपना स्पष्ट बाईज्जत बरी‌ करने का  फैसला सुनाया है

तो क्या अब जेल से छूट जाएंगे सांसद अतुल राय
अभी इसी मुकदमे को आधार बनाकर अतुल राय पर गैंगस्टर का मुकदमा तथा लखनऊ मे दर्ज आत्महत्या के लिये उकसाने के मामले 306 में 120 B के तहत मुकदमे में जमानत लेना बाकी है