श्रीमद्भागवत कथा में महारास के प्रसंग पर झूम उठे श्रद्धालु 

श्रीमद्भागवत कथा में महारास के प्रसंग पर झूम उठे श्रद्धालु 

श्रीमद्भागवत कथा में महारास के प्रसंग पर झूम उठे श्रद्धालु 

श्रीमद्भागवत कथा में महारास के प्रसंग पर झूम उठे श्रद्धालु 

गाजीपुर(एपीआई एजेंसी):- बाराचवर के मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के क्षेत्र के भदेसर गांव में स्थित श्री राम जानकी मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य मनमोहन तिवारी के दरवाजे पर चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में मथुरा से पधारे प्रख्यात विद्वान कृष्ण पाण्डेय ने श्रीमद् भागवत कथा का सुबह परायण पाठ किया एवं काशी के  प्रख्यात कथा वाचक पंडित रामविलास पाण्डेय ने देर शाम तक संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में महारास का प्रसंग सुना कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। 

इस अवसर पर अपने मुखारविंद से ज्ञान भक्ति एवं वैराग्य की कथा मृत रूपी अमृत का रसपान कराते हुए कथा वाचक रामविलास पाण्डेय ने गोपीजनों के साथ भगवान कृष्ण की श्रेष्ठतम महारास लीला का वर्णन करते हुए कहा की महारास तो जीव का परव्रह्म ईश्वर के साथ मिलन की कथा है। आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति का फल प्राप्त होता है तो उसे रास कहा जाता है। उन्होंने कहा की जो भी भक्त ईश्वर प्रेम में आनंदित होते हैं और श्री मद्भागवत कथा में श्री कृष्ण रूक्मिणी के विवाह में शामिल होते हैं।उनकी समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। कथा व्यास ने उपस्थित श्रोताओं से कहा की जब जीव मे अभिमान आ जाता है तो भगवान उनसे दूर हो जाते हैं।और जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्री कृष्ण उस पर अनुग्रह करते हैं और उसे अवश्य दर्शन देते हैं।

भगवान श्री कृष्ण एवं रूक्मिणी के विवाह की कथा को सुनाते हुए कहा की भगवान श्री कृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रूक्मिणी के साथ संपन्न हुआ। रूक्मिणी को श्रीकृष्ण के द्वारा हरण कर विवाह किया गया। उन्होंने समझाया की रूक्मिणी स्वयं साक्षात लक्ष्मी हैं।और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकती हैं। यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के कार्य में लगाए तो ठीक नहीं तो फिर वह धन चोरी द्वारा विमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है।धन को परमार्थ में लगाना चाहिए।जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो भगवान की कृपा स्वतःही प्राप्त हो जाती है। व्यास पूजन उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री बाल्मीकि त्रिपाठी के पुत्र बब्लू तिवारी के द्वारा किया गया। कथा ब्यास के द्वारा उनको प्रसाद एवं अंगवस्त्रम् भेंट किया गया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से पंडित सीताराम तिवारी डॉ0 बंसीधर तिवारी, अमितेश तिवारी प्रबंधक पण्डित सीताराम तिवारी प्राइवेट आई टी आई,एवं एम एम पब्लिक स्कूल,लोमस पांडे अरविंद पांडेय अंचल तिवारी,यश मुकुंद समेत क्षेत्र के भदेसर  बैरान आदि गांवों से सैकड़ों  माता बहने उपस्थित रहीं।