शिक्षा में राजनेताओं का दखल शिक्षा की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण:- उपराज्यपाल

शिक्षा में राजनेताओं का दखल शिक्षा की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण:- उपराज्यपाल

शिक्षा में राजनेताओं का दखल शिक्षा की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण:- उपराज्यपाल

शिक्षा में राजनेताओं का दखल शिक्षा की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण:- उपराज्यपाल

गाज़ीपुर(एपीआई एजेंसी):- गाज़ीपुर के कासिमाबाद तहसील अन्तर्गत देवली स्थित गोपीनाथ पीजी कालेज में संगोष्ठी व प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा रहे। इस अवसर पर मनोज सिन्‍हा का गेट से स्वागत ढ़ोल नगाड़े व सारे जहाँ से अच्छा धुन के साथ मंच तक ले जाया गया।सर्वप्रथम उपराज्यपाल ने महाविद्यालय संस्थापक स्वर्गीय राम तिवारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। तत्पश्चात सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की।

महाविद्यालय के संरक्षक राकेश तिवारी, प्रबन्धक शिवम त्रिपाठी व प्राचार्य डॉ0 सुधा त्रिपाठी द्वारा उपराज्यपाल को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। महाविद्यालय के विश्वविद्यालय टापर छात्र, नेट/जेआरएफ क्वालीफाई छात्र व महाविद्यालय से पढ़ कर जाब प्राप्त करने वाले छात्रों को मनोज सिन्हा  द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने "विकसित भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रासंगिकता" विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि संसार में भारत कई देशों का नेतृत्व कर रहा है, 
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शिक्षा में राजनेताओं का दखल शिक्षा की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण है, जिनको शिक्षा से दूर दूर से वास्ता नहीं है वही लोग कुलपतियों को और शिक्षकों को ज्ञान की बात बताते हैं, जिसका जो काम है उसको ठीक से करने दें तभी देश आगे बढ़ेगा, इस पर सोचने की आवश्यकता है।

आगे उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के विकास में सबसे बड़ा हथियार साबित होगा, नई शिक्षा नीति द्वारा प्रत्येक विधार्थीयों की सांस्कृतिक जड़ें मजबूत होंगी और सफलता के उच्चतम शिखरों को छू सकेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति वास्तव में दुनिया की चुनौतियों का सामना करने की सामर्थ्य है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में संगठित ज्ञान के साथ-साथ राष्ट्र की आत्मनिर्भरता के लिये भी अनेक रास्ते सुझाने का काम किया। 
साधन और संसाधन दोनों सरकार उपलब्ध करा रही है शिक्षकों से उन्होंने कहा कि आपके ऊपर बहुत ज़िम्मेदारी है, ज़िम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से करें।

उन्होंने गुरु और शिष्य का संबंध कमल और मणि से की, आगे उन्होंने कहा कि कमल की जड़ें मिट्टी में होती हैं और जब वह खिलता है तो उसकी खिलावट मणि जैसी सुन्दरता देता है। गुरु और शिष्य दोनों के संबंधों की ऊर्जा कमल और मणि की तरह पूरे समाज में फैले ये प्रयास शिक्षण संस्थानों को करना होगा उस के राज्यपाल अपने काफिले के साथ अपने अत्यंत नजदीकी भाजपा के मंडल अध्यक्ष मयंक राय के दरवाजे पर रामगढ़ पहुंचे जहां  ग्राम वासियों ने धूमधाम के साथ उनका स्वागत किया और वही सिन्हा ने अपने चिर परिचित अंदाज में का रे बाबू, का हो भईया जैसे शब्दों से किसी को भी निराश नहीं किया,सबसे घूम घूम कर उनका कुशलक्षेम पूछा।

इस दौरान सर्वेश पाण्डेय, प्रभाकर पाण्डेय, शिवकुमार मामा,अखिलेश राय,दिवाकर राय,डॉक्टर मतिउर्रहमान, हरिकेश द्विवेदी, अंकित राय, सैदुज्जफर,  जितेंद्र पाण्डेय, मुनव्वर सर, डॉक्टर सानंद सिंह, निरंजन शर्मा , फैजान खान, अरविंद प्रजापति, रामायण गुप्ता,  सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे ,संचालन नीतीश उपाध्याय तथा  वीरेंद्र कुशवाहा ने संयुक्त रूप से किया जबकि अध्यक्षता छपरा विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ0 हरिकेश सिंह ने की।