भगवान जाति नहीं भक्ति देखते हैं : महंत गणेश दास

भगवान जाति नहीं भक्ति देखते हैं : महंत गणेश दास

भगवान जाति नहीं भक्ति देखते हैं : महंत गणेश दास

भगवान जाति नहीं भक्ति देखते हैं : महंत गणेश दास

कुशीनगर(एपीआई एजेंसी):- कसया नगर स्थित श्रीरामजानकी मंदिर (मठ) में चौदहवें वर्ष दस दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के आठवें दिन बुधवार को श्री अवध बिहारी कुंज, अयोध्या धाम से आये कथा वाचक महंत गणेश दास महाराज ने श्रीराम कथा की अमृत वर्षा कराते हुए कहा कि भगवान श्रीराम ने समाज में समरसता लाने के लिए गिद्ध, अजामिल, गडिका, केवट, सबरी, गुह आदि अधम से अधम प्राणियों को समभाव से स्वीकार किया एवं उनका सहयोग प्राप्त किया।

कथावाचक ने बताया कि भगवान के यहाँ किसी प्रकार  की जाति नही है वहां केवल प्रेम एवं भक्ति है। कहा कि हरि को भजे सो हरि को होई। बड़े से बड़े महापुरुषों एवं अधम से अधम जीवों ने भजन एवं  सत्संग के द्वारा ही परमात्मा को प्राप्त  किया। हमें भी समरस समाज के लिए जाति - पात एवं छुआछूत से दूर रहकर एक दूसरे के प्रति सहृदयी होना चाहिए। यही ईश्वर की सच्ची पूजा है। यही भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र है। यही सनातन धर्म है।

कथा का प्रारंभ यजमान मीनू पाठक द्वारा व्यास पीठ के पूजन से हुआ। संचालन डॉ0 हरिओम मिश्र ने किया। इस दौरान यज्ञाचार्य रामजी पांडेय के देख रेख में श्रीराम महायज्ञ और अयोध्या धाम से आये संतो द्वारा अखंड सीता राम नाम संकीर्तन चलता रहा। यज्ञ मंडप की परिक्रमा हेतु श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

इस अवसर पर महंत त्रिभुवन शरण दास, व्यवस्थापक देव नारायण शरण, परशुराम दास, अवधेश भगवती, राजेश मद्देशिया, प्रदीप कुशवाहा, किरन सिंह, राधे यादव, हृदयानंद तिवारी, इन्द्रासन प्रसाद संतजी, मिथिलेश सिंह, सुरेश गुप्ता, निशांत सिंह, मणि प्रकाश यादव, टिशू पांडेय, शिवम राय, दिव्यांशु, सावित्री देवी, गंगोत्री देवी, सरोज देवी, गुड्डी देवी, वंदना पांडेय, रमाशंकर कुशवाहा, ज्ञानचंद कुशवाहा, चंद्रिका शर्मा, अवधेश पांडेय, कृष्ण कुमार मिश्र आदि उपस्थित रहे।