कुशीनगर लोक सभा सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई में राह आसान नहीं

कुशीनगर लोक सभा सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई में राह आसान नहीं

कुशीनगर लोक सभा सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई में राह आसान नहीं

कुशीनगर लोक सभा सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई में राह आसान नहीं

कुशीनगर(एपीआई एजेंसी):- स्थानीय लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार अभियान तेज हो चुकी है। यहां वोटिंग सातवें चरण में एक जून को होने वाला है। इस बार यहां त्रिकोणीय लड़ाई है। यहां से वर्तमान बीजेपी सांसद, विजय दूबे दूसरी बार बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी हैं। वहीं समाजवादी पार्टी से अजय प्रताप उर्फ पिंटू सैंथवार तथा इसके अलावा राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पड़रौना से विधायक रहे पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य मैदान में हैं। जिससे यहां का चुनाव दिलचस्प हो गया है।

सबकी नजरें कुशीनगर लोक सभा सीट पर जमी हुई है। शुक्रवार को रामकोला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विजय दूबे के समर्थन में चुनावी जन सभा कर पुनः दूसरी बार विजय दूबे को सांसद बनाने की अपील की। वहीं  26 को समाजावादी पार्टी के प्रत्याशी अजय प्रताप उर्फ पिंटू सैंथवार के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पड़रौना में चुनावी जन सभा को संबोधित करेंगे।

वहीं भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में पूरी ताकत का एहसास कराया। कुशीनगर लोक सभा सीट पर असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम ने स्वामी प्रसाद मौर्य को समर्थन देने का एलान कर दिया है जिससे यहां का लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। लोगों का मानना है कि बीजेपी की राह आसान नहीं दिख रहा है।

*कार्यकर्ताओं में गहरी पैठ से स्वामी मौर्य कर रहे प्रमुख दलों के वोटरों में सेंधमारी*

कुशीनगर में कार्यकर्ताओ में गहरी पैठ से स्वामी प्रसाद  मौर्य कर रहे प्रमुख दलों के वोटरों में सेंधमारी क्योकि स्वामी प्रसाद मौर्य सपा से अलग होकर अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी बनाए हैं। इसी पार्टी के बैनर तले कुशीनगर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी बनाकर अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

कुशीनगर लोकसभा का चुनाव आगामी एक जून को होना है। सभी प्रत्याशी मतदाताओं पर अपनी अपनी गोटियां बिछा रहे हैं। कुशीनगर लोकसभा में स्थानीय मुद्दे को गायब हो चुके हैं। प्रत्याशी पार्टी और जाति के वोटरों के भरोसे अपनी नैया पार लगाने में लगे हैं। चुनावी समर में राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के आ जाने से कुशीनगर लोकसभा का चुनाव रोचक हो गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर को कर्म भूमि मानते हैं उनके चुनाव लड़ने से मुख्य दल भाजपा, सपा और बसपा के बिखराव हो रहा है क्योंकि इनकी पकड़ सभी दलों के मतदाताओं पर है।

स्वामी पडरौना और फाजिलनगर विधानसभा में लड़ चुके हैं चुनाव
स्वामी प्रसाद मौर्य पडरौना और फाजिलनगर विधानसभा से विधायक पद का चुनाव लड़ चुके हैं। पडरौना से पहली बार बसपा के टिकट पर दूसरी बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े थे। पिछले विधानसभा का चुनाव सपा के टिकट पर फाजिलनगर विधानसभा से चुनाव लड़े थे। हालांकि फाजिलनगर विधानसभा देवरिया संसदीय सीट में आता है। अब वर्तमान में स्वामी प्रसाद मौर्य सपा से अलग होकर अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी बनाए हैं।

इसी पार्टी के बैनर तले कुशीनगर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी बनाकर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य का कुशीनगर जनपद में गांव-गांव में अपने समर्थक हैं। बसपा, भाजपा व सपा के वोटरों पर स्वामी का निशाना है। मौर्य अपने वोट गणित में सफल हुए तो भाजपा, सपा और बसपा के लिए हानिकारक सिद्ध होंगे। अब उसमें यह देखना है कि किस दल के मतदाताओं को ज्यादा अपनी पाले में कर लेते हैं उसी दल का सबसे ज्यादा नुकसान होगा।

चुनाव मैदान में नौ उम्मीदवार है

कुशीनगर संसदीय सीट पर नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सभी अपना अपना चुनाव चिन्ह लेकर जनता के बीच में उतरे हैं। भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार दुबे को कमल, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजय प्रताप उर्फ पिंटू सैंथवार को साइकिल, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी शुभ नारायण चौहान को उनकी पार्टी का सिंबल हाथी है।

इसके अलावा राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के प्रत्याशी स्वामी प्रसाद मौर्य को गन्ना किसान, सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी (सुभास पार्टी) के प्रत्याशी वेद प्रकाश मिश्रा को अलमारी, भारतीय लोकनायक पार्टी के प्रत्याशी सुनील कुमार शुक्ला को रोड रोलर, आजाद अधिकार सेना के प्रत्याशी हरिकेश को ऑटो रिक्शा, अमिय उपाध्याय को बल्ला तथा रामचंद्र सिंह को चिमनी का प्रतीक चिन्ह मिला है