त्रिवेणी शुगर मिल गन्ने के साथ ही किसानों की भी पेराई करती है: गन्ना माफियाओ के आगे बौना साबित हो रहे है जिम्मेदार

त्रिवेणी शुगर मिल गन्ने के साथ ही किसानों की भी पेराई करती है: गन्ना माफियाओ के आगे बौना साबित हो रहे है जिम्मेदार

त्रिवेणी शुगर मिल गन्ने के साथ ही किसानों की भी पेराई करती है: गन्ना माफियाओ के आगे बौना साबित हो रहे है जिम्मेदार

त्रिवेणी शुगर मिल गन्ने के साथ ही किसानों की भी पेराई करती है: गन्ना माफियाओ के आगे बौना साबित हो रहे है जिम्मेदार

कुशीनगर(एपीआई एजेंसी):- जिले के रामकोला स्थित त्रिवेणी शुगर मिल गन्ने के साथ ही किसानों की भी पेराई करती है। जिसके मनमानी की वजह से किसानों को परेशानी से हर वर्ष जूझना पड़ता है।
उक्त चीनी मिल क्षेत्र रक्षण के समय काफी क्षेत्रों पर दावा कर अपने क्षेत्र में सुरक्षित कर लेती है और मनमाना पेराई करती है।इस वर्ष भी उसका यही रवैया है।

एक तरफ जहां ढाढा व पिपराइच सहित कई अन्य चीनी मिलें अपने सुरक्षित क्षेत्र के गन्ने की पेराई कर सत्रावसान कर चुकी हैं वही इस चीनी मिल का मेन कैलेंडर का ही दसवां पक्ष की पर्ची निर्गत हो रही है,एडिशनल कैलेंडर के साथ ही किसानों के पास अब तक गन्ना खेतों में पड़ा सुख रहा है। बताते चलें कि गेहूं की फसल भी पककर तैयार हो चुकी है ऐसे में किसान रबी की फसल को रब से बचाए या गन्ने की छिलाई कर मिल या सेंटर तक पहुंचाए इसी उधेड़बुन में परेशान हुआ जा रहा है जबकि मिल के जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए मनमानी पर तुले हैं।

*मिल की मनमानी*
चीनी मिलों की मनमानी से बचाने  व किसान हितो के संरक्षण के लिए समितियों का गठन कर उन्हें तमाम अधिकार सरकार द्वारा दिए गए हैं जिनके गाइड लाइन के तहत ही मिलों को सप्लाई मिलती है जिसका रामकोला स्थित त्रिवेणी चीनी मिल पालन ही नहीं कर रहा।

नियमतःबी सी१८की पर्ची पर तय गन्ने के वजन के बराबर ही तौल होना चाहिए उससे इतर तौल के लिए कृषक को समिति में आवेदन दे फार्मेट चेंज कराना पड़ता है। मिल की इसमें कोई भूमिका नहीं होती जबकि उक्त मिल नियम कायदे को न मान बैलगाड़ी की पर्ची पर  दबँगो के ट्राली की भी तौल कर रहा है ऐसा देखने में आया है जो कि पूरी तरह नियम विरुद्ध है।