अस्पताल संचालक को डिप्टी सीएम का नहीं है डर खेल रहे मरीजो के जान के साथ

अस्पताल संचालक को डिप्टी सीएम का नहीं है डर खेल रहे मरीजो के जान के साथ

अस्पताल संचालक को डिप्टी सीएम का नहीं है डर खेल रहे मरीजो के जान के साथ

अस्पताल संचालक को डिप्टी सीएम का नहीं है डर खेल रहे मरीजो के जान के साथ 

सिद्धार्थनगर (एपीआई एजेंसी):- आप को बता दे जिले की एक नामी अस्पताल द्वारा जीवित शिशु को मृत्यु बताकर गर्भपात की दवा लिखने का मामला,5 माह बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार न्याय के लिए लगातार अधिकारियों के चक्कर काट रहा है| चिल्हिया थाना क्षेत्र के बेलवा निवासी पीड़िता गर्भवती शिवांगी पत्नी रोहित सिंह के जीवित शिशु को जनपद मुख्यालय स्थित अल सहारा हॉस्पिटल की महिला चिकित्सक डॉक्टर कहकशा ने खराब होना बताकर लिखी थी गर्भपात की दवा।

वही पीड़िता ने गर्भपात की दवा को नहीं खाया। करीब 35 दिन बाद दोबारा डॉक्टर कहकशा ने अल्ट्रासाउंड करने के बाद बताया की बच्चा सकुशल है। डॉक्टर की इस लापरवाही पर पीड़िता के पति रोहित सिंह ने इस मामले पर उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत किया था। मामले को तत्कालीन जिला अधिकारी ने संज्ञान में लेकर 7 जुलाई 23 को गठित की थी मजिस्ट्रेटियल जांच कमेटी।

जांच कमेटी ने पीड़िता का लिखित बयान लिया था पर 5 माह बीत जाने के बाद अभी तक नहीं हुई है संबंधित अस्पताल और महिला चिकित्सक के विरुद्ध प्रभावी करवाई। पीड़ित परिवार का आरोप है की मामले को ठंडा बस्ते में डालने और डॉक्टर को बचाने में लगा है प्रशासन। पीड़ित परिवार ने नवागत जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर की है न्याय की मांग। पीड़ित परिवार का बयान अगर न्याय ना मिला तो वे जिलाअधिकारी कार्यालय पर अपने बच्चों के साथ करेंगे आत्मदाह जिसके लिए पूर्ण जिम्मेदार होगा स्थानीय प्रशासन।