पिता के सम्मान में: बेटी मैदान में पिता के लिए मांग रही वोट

पिता के सम्मान में: बेटी मैदान में पिता के लिए मांग रही वोट

पिता के सम्मान में: बेटी मैदान में पिता के लिए मांग रही वोट

पिता के सम्मान में: बेटी मैदान में पिता के लिए मांग रही वोट

जौनपुर(एपीआई एजेंसी):- आदर्श अचार संहिता लागू होते ही सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। राजनीतिक सरगर्मियां पूरे उफान पर हैं,भाजपा ने महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृहराज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह पर दांव लगाते हुए प्रत्याशी घोषित कर दिया है , अन्य दल प्रत्याशी घोषित करने के लिए चिंतन मंथन  करने में लगे‌ हैं ।

कृपाशंकर  सिंह के भाजपा प्रत्याशी घोषित होते ही ,विपक्ष हमलावर हो उठा और कृपाशंकर सिंह पर बाहरी होने का आरोप ,पार्टी में भीतरघात से नुकसान उठाने व मायानगरी की चकाचौंध भरी राजनीति करने के साथ ही जनपदवासियों से ताल्लुक न रखने का मुद्दा प्रचारित कर सवालों के घेरे में खड़ा करने लगा । 

विपक्ष के सवालों से पिता कृपाशंकर को घिरता देख  बेटी  सुनीता सिंह ने चुनावी कमान ही नहीं संभाली रहीं हैं बल्कि अपने जबाब से विपक्षियों के सवालों का माकूल जबाब देते हुए विपक्षियों को अनुत्तरित कर रही हैं, जो खास चर्चा का विषय बना हुआ है ।

अनौपचारिक वार्ता के दौरान सुनीता सिंह ने कहा कि हमलोग  'वसुधैव कुटुम्बकम' की संस्कृति में भरोसा रखने वाले लोग हैं, ऐसे में जनपद जन्में मेरे पिता व भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह  बाहरी कैसे हुए ?‌ ऐसे आरोप अतार्किक व निराधार हैं । भाजपा बेहद अनुशासित पार्टी है, पार्टी के सभी कार्यकर्ता व पदाधिकारी पूरी शक्ति और मनोयोग से कार्य करते हुए जनपद की दोनों लोकसभा सीटों पर जीत का परचम लहराने के साथ ही तीसरी बार केन्द्र में भाजपा की मोदी के नेतृत्व की सरकार बनाने का काम करेंगे।

उन्होंने  कहा कि, मैंने लगभग तीन दर्जन गांवों में जनसंपर्क किया , आमजन को केन्द्र व प्रदेश सरकार की नीतियों रास आ रही हैं, जनता मोदी की गारंटी पर मतदान करने को मन बना चुकी है । जन सम्पर्क के दौरान जनता जनार्दन से जो स्नेह, सहयोग, समर्थन मिल रहा है उससे अभिभूत हूं। मेरे पिता कृपाशंकर सिंह की कर्मस्थली महाराष्ट्र भले ही रही हो, लेकिन जन्मस्थली जौनपुर ही है, कर्म भूमि का कर्ज उतारने के बाद जन्मभूमि का कर्ज उतारने के लिए जौनपुर आये हैं । 

जनसमपर्क के दौरान ठेठ भोजपुरी भाषा में लोगों से संवाद स्थापित करने के सवाल पर सुनीता सिंह ने कहा कि , समाज सेवा  करने का भाव हमें विरासत में मिला है, हमें अपनी मिट्टी ,अपनी भाषा व संस्कृति पर गर्व है, पिता व परिजनों से मिले संस्कार ने हमेशा लोगों को जोड़े रखने के लिए उनकी सहूलियत का ख्याल रखने का पाठ पढ़ाया है । मेरे बेटे शिवम् सिंह ने लंदन से एमबीए व बहू खूशबू सिंह ने एमबीबीएस की पढ़ाई भले ही अंग्रेजी भाषा में की हो लेकिन आज भी हमारे घर में ठेंठ भोजपुरी में ही बात की जाती है , जिससे हम अपनी जड़ों से जुड़े रह सकें ।

बेटा शिवम्  सिंह महाराष्ट्र यूथ विंग का वाइस प्रेसिडेंट है वह भी चुनावी समर में नाना कृपाशंकर सिंह के पक्ष में जनसम्पर्क में लगा हुआ है, ग्रामीण परिवेश हमारी संस्कृति  का हिस्सा है, हमारा स्वाभिमान है, जनता केन्द्र व प्रदेश सरकार के द्वारा कराए गए विकास कार्यों का स्वत: मूल्यांकन कर रही है,और 25 मई को भाजपा के पक्ष में प्रचण्ड मतदान करके जनपद की दोनों लोकसभा सीट पर जीत के साथ ही मोदी की गारंटी पर मुहर लगाकर देश के विकास के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने जा रही है ।