मुकद्दस माह-ए-रमजान की करें केंद्र: मौलाना शाफी 

मुकद्दस माह-ए-रमजान की करें केंद्र: मौलाना शाफी 

मुकद्दस माह-ए-रमजान की करें केंद्र: मौलाना शाफी 

मुकद्दस माह-ए-रमजान की करें केंद्र: मौलाना शाफी 

भदोही(एपीआई एजेंसी):- मुकद्दस माह-ए-रमजान के 16वीं शब यानी मंगलवार की रात नगर के काजीपुर मोहल्ले में स्थित मोहम्मदी मस्जिद में विशेष नमाज-ए-तरावीह मुकम्मल की गई। तरावीह मुकम्मल होने के बाद मुक्तदियों ने हाफिज निसार अहमद अमरोहवी को फूल-माला पहनाकर इस्तकबाल किया और मुबारकबाद दी।

इस दौरान मौलाना शाफी ने कहा कि अल्लाह की रजा हासिल करना है तो बड़े ही एहतराम और अदब के साथ मुकद्दस माह-ए-रमजान की कद्र करें। रोजा रखकर अल्लाह के घर में मगफिरत की आरजू करें। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मुसलमान परेशान-ए-हाल हैं। उसकी वजह है कि आज हम दीन की मालूमात से दूर होते जा रहे हैं। बारीकी से न तो दीन को समझते हैं और न इल्म हासिल करते हैं। इस लिए सिर्फ अपने बच्चों को ही नहीं बल्कि आस-पास के भी बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम हासिल कराने के लिए उनका सहयोग करें। मौलाना शाफी ने कहा कि मुसलमानों वक्त रहते अपने इस्लाम को समझों और नबी-ए-करीम स.अ. की सुन्नत पर अमल करों।

ताकि हश्र के मैदान में तुम्हें शर्मिंदा न होना पड़े। इंसान को इंसान समझों और उनसे अच्छा सुलूक करों। उन्होंने कहा कि अगर इस थोड़ी सी गर्मी को बर्दाश्त करके रोजा रखेंगे। अल्लाह की इबादत करोगे तो कल दोजख की आग से महफूज रहोंगे। इस लिए इस गर्मी की नहीं बल्कि आखिरत की गर्मी की परवाह करें। नमाज-ए-तरावीह मुकम्मल कराने के बाद हाफिज निसार अहमद अमरोहवी ने बारगाह-ए-परवरदिगार में दोनों हाथों को फैलाकर मुल्क की सलामती के लिए दुआएं मांगी। इस मौके पर मोहर्रम अली, परवेज अंसारी, बरकत अहमद गुड्डू, इरशाद अंसारी बल्लू, तौफीक अंसारी, मो.आरिफ अंसारी, शहनवाज आलम, इरफान अहमद बबलू, आफताभ अंसारी व शकील अहमद अंसारी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।