प्रभु राम की प्राप्ति के लिए त्याग व समर्पण जरूरी : महंत गणेश दास

प्रभु राम की प्राप्ति के लिए त्याग व समर्पण जरूरी : महंत गणेश दास

प्रभु राम की प्राप्ति के लिए त्याग व समर्पण जरूरी : महंत गणेश दास

प्रभु राम की प्राप्ति के लिए त्याग व समर्पण जरूरी : महंत गणेश दास

कुशीनगर(एपीआई एजेंसी):- कसया नगर स्थित श्रीरामजानकी मंदिर (मठ) में चौदहवें वर्ष दस दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के सातवें दिन मंगलवार को श्री अवध बिहारी कुंज, अयोध्या धाम से आये कथा वाचक महंत गणेश दास महाराज ने श्रीराम कथा की अमृत वर्षा कराते हुए चित्रकूट में श्रीराम और भरत जी के मिलाप की मार्मिक कथा का वर्णन किया। आपने कहा कि जीवन में त्याग व समर्पण से प्रभु राम को पाया जा सकता है। ईश्वर की प्राप्ति के लिए जीव को लौकिक सुखों का मोह छोड़ना पड़ेगा।

भगवान सदैव जीव के पास रहते हैं लेकिन जीव को भरत जी जैसा बनना पड़ेगा। भरत जी का चरित्र बड़े बड़े ऋषियों के लिए भी अगम्य है। भरत जी त्याग के प्रतिमूर्ति हैं। उनका समर्पण और प्रेम आज के भाईयों के लिए अनुकरणीय है। भरत जी का चरित्र श्रवण करने मात्र से प्राणी संसार के समस्त कर्म बंधनों से मुक्त हो जाता है। कथा का प्रारंभ ई ओ नगर पालिका परिषद कुशीनगर शैलेन्द्र  मिश्र द्वारा व्यास पीठ के पूजन से हुआ। संचालन डॉ0 हरिओम मिश्र ने किया। इस दौरान यज्ञाचार्य रामजी पांडेय के देख रेख में श्रीराम महायज्ञ और अयोध्या धाम से आये संतो द्वारा अखंड सीता राम नाम संकीर्तन चलता रहा।

यज्ञ मंडप की परिक्रमा हेतु श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इस अवसर पर महंत त्रिभुवन शरण दास, व्यवस्थापक देव नारायण शरण, परशुराम दास, अवधेश भगवती, श्रवण तिवारी, विनय राव, राजू तिवारी, अमरीश मिश्र, नंदू मिश्र, अमरनाथ तिवारी, अजीत चौबे, मालती देवी, बाला पांडेय, चंद्र शेखर मिश्र, गीता देवी, ज्ञान प्रकाश मिश्र, गुड़िया देवी, रुद्रांश मिश्र, उत्कर्ष कुमार, कबीरा रंजन राव, शिब्बू राय, मिथिलेश सिंह, सुरेश गुप्ता, निशांत सिंह, मणि प्रकाश यादव, टिशू पांडेय, शिवम राय, दिव्यांशु, रिद्धिमा, खुशी आदि उपस्थित रहे।