पूरी तरीके से आत्मनिर्भर है ये गौशाला

पूरी तरीके से आत्मनिर्भर है ये गौशाला

पूरी तरीके से आत्मनिर्भर है ये गौशाला

पूरी तरीके से आत्मनिर्भर है ये गौशाला

एटा(एपीआई एजेंसी):- जैथरा विकास खंड की ग्रामपंचायत गढ़ी रोशन की कुकराया रतनपुर गांव में एक गौशाला संचालित है। ग्राम पंचायत में संचालित अस्थाई गौशाला में करीब 115 गौवंश रहते है। जिनकी देखभाल के लिए तीन श्रमिक पूरे दिन गौसेवा ईश्वरीय देन समझते हुए करते रहते है। इस हाईटेक गौशाला में गायों के रखरखाव के लिए हीटर,बड़ी मात्रा में बल्ब, गौवंशो को नहाने के लिए एक अलग तालाब,खाने के लिए जानवरो के बादाम कही जाने वाली अजोला घास हरा और सूखा चारा लगे हुये है। गायों की सुरक्षा की दृष्टि से परिसर में आधा दर्जन से अधिक सोलर लाइटें लगवाई गई है और सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है।

वही सोलर लाइटों का भी इंतजाम है जिस से रात के समय गौशाला में दिन की तरह रोसनी रहती है| इस गौशाला का निर्माण अप्रैल मई के महीने में कराया गया था| ये गौशाला चारागाह की जमीन पर बनी हुई है। गायों के हरे चारे का प्रबंध पास में स्थित चारागाह में उगाया जाता है। जिसके बाद में इलेक्ट्रिक चारा मशीन से चारा काट करके हरा और सूखा चारा गायों कों दिन में तीन बार खिलाया जाता है। हालांकि अभी गायों के लिए सूखा चारा और दाना का प्रबंध ग्राम पंचायत के द्वारा किया जाता है। लेकिन आने वाले समय में गायों के लिए गेहूं उपजा करके दाना बनवाया जायेगा और बचे हुए भूसे से सूखा चारा प्रबंध किया जायेगा। वही गायों को साफ सुथरा पानी पीने के लिए एक अलग टंकी का निर्माण किया गया है।

गायों को बढ़ती हुई ठंड की वजह से गौशाला के अंदर आर्गन गैस वाले पीली रोशनी के करीब 50 बल्ब,और चार एयर हीटर लगे हुये है। दिन में गायों को धूप में विचरण करने के लिए एक बाड़ा भी बनवाया गया है। गौशाला के अंदर बायो गैस और जैविक खाद बनाने के लिए एक प्लांट का निर्माण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। गोबर से होने वाली कमाई से गौशाला का रखरखाव अच्छे विधिवत चलता रहेगा।