शहीदों की शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणाश्रोत रहेगी

शहीदों की शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणाश्रोत रहेगी

शहीदों की शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणाश्रोत रहेगी

शहीदों की शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणाश्रोत रहेगी

ग़ाज़ीपुर(एपीआई एजेंसी):- भांवरकोल विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान नई दिल्ली में  संजीव कुमार त्यागी द्वारा रचित खण्डकाव्य 'अष्ट बलिदानी ' का लोकार्पण सर्व भाषा ट्रस्ट प्रकाशन के स्टाल पर किया गया।  पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम  में उपस्थित   अतिथि वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार, साहित्यकार एवं समाजशास्त्री प्रो. पवन विजय  गोपाल जी राय, आईपीएस  राजेश मिश्र ,इंद्रजीत सिंह सेंगर ,शिव प्रकाश साहित्य , राकेश पांडेय , विवेक राय ,शोभित निरंजन,अनुराग पांडेय , चंदन राय ,शेखर कुमार , शालिनी जायसवाल,किरन राय, अनुपमा राय,सुश्री शिवांगी निरंजन,  रजनीश राय,आशीष राय  आदि लोगो के मौजूदगी में   लोकार्पण  किया गया।

मुख्य अतिथि अवधेश कुमार ने बताया कि  शेरपुर की शहादत बेमिसाल है।ऐसा उदाहरण विश्व मे नही मिलेगा। जहा एक ही गाव शेरपुर के आठ नवजवानों ने देश को आजाद कराने के लिए एक साथ शहादत दी।शहीदों ने अपनी कुर्बानी देकर देश को आजाद कराया जिस की वीर गाथा पुस्तक में लिखी गयी है।भविष्य में यह किताब लोगो को बहुत काम आएगी।आगे कहा कि  संजीव त्यागी ने  'अष्ट बलिदानी ' खण्डकाव्य  पुस्तक का  लेखन कर एक  लंबी लकीर खिंच दी है।  यह लेखक के सतत शोध ,साधना व क्रांतिकारियो के प्रति असीम  कृतज्ञता के भाव से पूरा हो सका। लेखक संजीव त्यागी  ने बताया की देश को आजाद कराने के लिए गांधी जी के आह्वान पर शेरपुर के आठ नौजवानों ने मुहम्मदाबाद तहसील भवन पर तिरंगा फहराते  हुए 18 अगस्त सन 1942  को अपने प्राणों की  आहुति दे दी।साथ मे  99  नौजवान स्वतंत्रता सेनानी हुए।

इसके बाद भी अन्य तीन लोग शहीद हुए। इसके बाद गाव पर सामूहिक अर्थदंड लगाकर जबदस्ती वसूली की गई। जिसे  शेरपुर (मुहम्मदाबाद)  के क्रांति के नाम से जाना जाता है।  जो  शेरपुर  के क्रांति  गाथा को  खण्डकाव्य में विस्तार से प्रकाश डाला गया।अंत मे गोपाल जी राय ने आभार प्रगट करते हुए कहा कि अष्ट बलिदानी  खण्डकाव्य   शेरपुर  के  शौर्य एवं बलिदानी  आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगी। महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन की यह पराकाष्ठा थी।