उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के बुनियादी विकास के लिए जियो-स्पेशल डाटाबेस का निर्माण कार्य पूर्ण 

उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के बुनियादी विकास के लिए जियो-स्पेशल डाटाबेस का निर्माण कार्य पूर्ण 

उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के बुनियादी विकास के लिए जियो-स्पेशल डाटाबेस का निर्माण कार्य पूर्ण 

उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के बुनियादी विकास के लिए जियो-स्पेशल डाटाबेस का निर्माण कार्य पूर्ण 

लखनऊ(एपीआई एजेंसी):- उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के बुनियादी विकास के लिए जनगणना कार्य निदेशालय, उत्तर प्रदेश एवं स्थानीय निकाय निदेशालय, उत्तर प्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किये गए प्रदेश के समस्त 75 जिलो के सभी 783 नगरीय निकायों के नगर मानचित्र एवं उनके 14,455 वार्डों के जियो-स्पेशल डाटाबेस को श्रीमती शीतल वर्मा निदेशक जनगणना कार्य ने प्रदेश के स्थानीय निकाय निदेशालय के निदेशक नितिन बंसल को हस्तगत किया। यह जियो-स्पेशल डाटाबेस शहरी अवसंरचना के विकास, भू-प्रशासन, बैंकिंग और वित्तीय आर्थिक गतिविधियों, जल, आपदा प्रबंधन, आपूर्ति सेवायों आदि के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में उपयोगी है। समस्त नगर निकायों के नगर एवं वार्ड सीमाओं के जियो-स्पेशल मानचित्र तैयार करने का कार्य नगरीय निकायों का परिसीमन 2021-2022 के पश्चात निर्धारित अद्यतन सीमाओं के अनुसार किया गया।

यह डाटाबेस राष्ट्रीय विकास, आर्थिक समृद्धि और विकसित हो रही डिजिटल,सूचना आधारित अर्थव्यवस्था के समर्थन के लिए भू- स्थानिक क्षेत्रक को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाई गई नागरिक केन्द्रित नीति “राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति-2022 (NGP-2022)” के आलोक में तैयार किया गया है। भू- स्थानिक आंकड़ो को एक ऐसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे एवं सूचना स्त्रोत के रूप मे स्वीकार किया जाता है, जो अपने सिद्ध सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय मूल्यो के साथ  सरकारी प्रणालियों, सेवाओ एवं दीर्घकालिक राष्ट्रीय विकास प्रयासो को समान आधारभूत संदर्भ फ्रेम के रूप मे ‘स्थान’ का उपयोग करके एकीकृत करने मे सक्षम बनाता है।

जनगणना कार्य निदेशालय, उत्तर प्रदेश ने भारत के महारजिस्ट्रार के कार्यालय, नई दिल्ली के निर्देशों के अंतर्गत पूरे प्रदेश के शहरी ढांचे के राष्ट्रीय भू-स्थानिक डाटाबेस के निर्माण करने हेतु राज्य के सभी 783 नगरीय निकायों के 14,455 वार्ड सीमाओं के जियो-स्पेशल वार्ड मानचित्र बनवाने का निर्णय लिया। इस के लिए स्थानीय निकाय निदेशालय, उत्तर प्रदेश से संपर्क किया गया  विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के बाद कार्य योजना का निर्धारण हुआ।

जियो-स्पेशल डाटाबेस तैयार करने के लिए प्रदेश के समस्त नगर निकायों के अधिशाषी अधिकारियों,प्रतिनिधियों को राज्यस्तरीय प्रशिक्षण स्थानीय निकाय के सभागार लखनऊ में दिनांक 10 एवं 11 अगस्त, 2023 को भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय, नई दिल्ली के विषय विशेषज्ञों द्वारा दोनों निदेशालयों के निदेशकों एवं अन्य अधिकारियों की देख-रेख में दिया गया । नगर निकायों के स्तर पर वांछित तकनीकी मैनपावर की अनुपलब्धता एवं तकनीकी पहलुओं पर हुए संवाद तथा पायलेट प्रोजेक्ट के फीडबैक के आधार पर गुणवत्ता एवं समयबद्धता के दृष्टिगत  निर्णय हुआ कि जनगणना कार्य निदेशालय के तकनीकी मैनपावर को जिला सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) पर भेजकर संबन्धित नगर निकायों के अनुभवी स्टाफ द्वारा गूगल मैप पर चिन्हित किए गए नगर निकायों एवं वार्ड सीमाओं की सीमा का उपयोग कर जियो-स्पेशल वार्ड मानचित्र (Coordinates सहित) को तैयार करने में अधिशाषी अधिकारियों,प्रतिनिधियों को सहयोग किया जाये। 

नगर निकायों कार्यालय के कम से कम 02 ऐसे अधिकारी,कर्मचारी(कर निरीक्षक,सेनेटरी इंस्पेक्टर,कर सहायक आदि) जो अपने नगर की वार्ड सीमाओं के सड़कों,गलियों,लैंडमार्क,भवनों से पूरी तरह भिज्ञ और गूगल मैप में वार्ड की सीमाओं को पहचानने में सक्षम थे कि उपस्थिति एवं मार्गदर्शन में जनगणना कार्य निदेशालय की तकनीकी टीम द्वारा भारत के महा रजिस्ट्रार कार्यालय, नई दिल्ली द्वारा निर्मित पोर्टल पर नगर निकाय तथा उसके वार्डों की सीमाओं का चिन्हांकन कर जियो-स्पेशल मानचित्र को बनाने का कार्य पूर्ण किया गया। नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण तथा यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण में जियो- स्पेशल मैपिंग की वृहद उपयोगिता को ध्यान मे रखते हुए क्रमश: सभी 168 सैक्टर, 110 सैक्टर, 33 सैक्टर की अलग-अलग सेक्टर स्तर पर जियो-स्पेशल मैपिंग के लिए विशेष नीति अपनाई गई।